Wednesday, March 28, 2012

हो अकेला राह चल तू...
















हो अकेला राह चल तू,
ले नए अरमान चल तू,
राह डगमग, हो अँधेरा,
कल नया सुबह का चेहरा,
ले नयी उड़ान चल तू,
हो अकेला राह चल तू...

वीर बन, तू रण-विजय कर,
नर बन, डर पर विजय कर,
जो रात काली हो अँधेरा,
लाल सूरज, खुशियों का चेहरा,
एक नयी मशाल बन तू,
ले नया आस्मां चल तू,
हो अकेला राह चल तू...

कल सुबह जो आज आई,
खुशियों के आगाज़ लायी,
खुद को पहचान चल तू,
होसलों की नयी उड़ान चल तू,
ले नया जहान चल तू,
हो अकेला राह चल तू...

साथ रिश्ते-नातों के, जो पीछे छोड़ आया तू,
भाव, ममता, प्रेम के, जो तार जोड़ आया तू,
सत, संयम, प्रेम का, एक नया चिराग भर तू,
बाट ममता, प्रेम, करुणा, फिर नयी एक राह चल तू,
हो बुलंद, खुशियों से भर, ले नयी उड़ान चल तू,
राह मंजिल, दूर कश्ती, ले नयी छलांग चल तू,
हो रौशन, कर पथ रौशन, बन नयी मशाल चल तू,
ले नए सुबह का चेहरा, फिर नयी उड़ान चल तू,
हो अकेला राह चल तू...

Monday, March 19, 2012

चल दिया जग में राही बन के...

थक गया हूँ लड़ते-लड़ते,
घुट-घुट कर यूँ मरते-मरते,
खुद से कितने वादे कर के,
चल दिया जग में राही बन के...

तनहा सफ़र क्यूँ लम्बा सा यह,
जाने कितना तनहा सा मैं,
क्यूँ अनजाना राही बन के,
चल दिया खुद से वादे कर के...


एक आस अधूरी प्यास सी,
कुछ बेबस, कुछ अन्यास सी,
यादों का पिटारा भर के,
चल दिया जग में राही बन के,
थक गया खुद से लड़ते-लड़ते,
खुद से कितने वादे कर के,
चल दिया जग में राही बन के...

Monday, March 5, 2012

फिर चोरों का राज हुआ...

फिर चोरों का राज हुआ,
क्यूँ देश फिर बर्बाद हुआ,
हाँ, एक वोट डाल कर भी,
क्यूँ देश का वो कल्याण हुआ,
फिर चोरों का राज हुआ...


फिर चोरों की माया फैली,
गन्दी, कुचली काया मैली,
लालच, भूख, कुर्सी के प्यासे,
देश नोच-नोच कर आपस में बाटें,
एक-दूजे को चोर बताएं,
फिर क्यूँ आपस में मिल-बाट कर खाएं,
क्यूँ, फिर चोरों का राज हुआ,
आज, फिर देश बर्बाद हुआ,
हाँ, एक वोट डाल कर भी,
क्यूँ देश का बंटाधार हुआ,
फिर चोरों का राज हुआ...