Monday, March 5, 2012

फिर चोरों का राज हुआ...

फिर चोरों का राज हुआ,
क्यूँ देश फिर बर्बाद हुआ,
हाँ, एक वोट डाल कर भी,
क्यूँ देश का वो कल्याण हुआ,
फिर चोरों का राज हुआ...


फिर चोरों की माया फैली,
गन्दी, कुचली काया मैली,
लालच, भूख, कुर्सी के प्यासे,
देश नोच-नोच कर आपस में बाटें,
एक-दूजे को चोर बताएं,
फिर क्यूँ आपस में मिल-बाट कर खाएं,
क्यूँ, फिर चोरों का राज हुआ,
आज, फिर देश बर्बाद हुआ,
हाँ, एक वोट डाल कर भी,
क्यूँ देश का बंटाधार हुआ,
फिर चोरों का राज हुआ...

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