सच बहुत कड़वा था घूँट भर पीना,
उसके लफ़्ज़ों ने सच का दरिया सा भर दिया,
लड़ता रहा दुनिया भर की रस्मों से,
और, उसने दो लफ्ज़ कह कर चलता सा कर दिया,
चोट बड़ी गहरी लगी,
छलनी सा कर दिया,
सच बहुत कड़वा था घूँट भर पीना,
उसके लफ़्ज़ों ने सच का दरिया सा भर दिया ।
उसके लफ़्ज़ों ने सच का दरिया सा भर दिया,
लड़ता रहा दुनिया भर की रस्मों से,
और, उसने दो लफ्ज़ कह कर चलता सा कर दिया,
चोट बड़ी गहरी लगी,
छलनी सा कर दिया,
सच बहुत कड़वा था घूँट भर पीना,
उसके लफ़्ज़ों ने सच का दरिया सा भर दिया ।
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