Friday, May 18, 2012

तेरी तस्वीरों में झांकते-झांकते...

तेरी तस्वीरों में झांकते-झांकते खुद की तस्वीर बदल गयी,
अश्क बिखरते रहे, चेहरे की जागीर बदल गयी,
जो हँसता था गोया हर किसी के लिए,
जो मरता था गोया हेर किसी के लिए,
आज, उसके चेहरे की जागीर बदल गयी,
तेरी तस्वीरों में झांकते-झांकते खुद की तस्वीर बदल गयी...

होसला न अब हंसने का, न होता है सनम,
तेरी दर्द भरी रुसवाइयों का, इतना है करम,
हँसता हूँ चेहरे का दर्द छुपाने के लिए,
बोलता हूँ तेरा गम भुलाने के लिए,
अश्क बिखेरते-बिखेरते चेहरे की जागीर बदल गयी,
तेरी तस्वीरों में झांकते-झांकते खुद की तस्वीर बदल गयी ।।

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