उसकी खुशियों का हौसला लिए बढ़ रहा हूँ,
शायद इसी वजह से खुद से लड़ रहा हूँ,
दिल की सभी हसरतों को मार कर,
उसके लिए आगे बढ़ रहा हूँ ।
जीने मरने की कसमें खाई हमने,
दुःख मिटाने और खुशियाँ पाने की रस्मे खाई हमने,
रास नहीं आई वक़्त को खुशियाँ मेरी,
इसलिए, उसकी खुशियों के लिए आगे बढ़ रहा हूँ ।।
शायद इसी वजह से खुद से लड़ रहा हूँ,
दिल की सभी हसरतों को मार कर,
उसके लिए आगे बढ़ रहा हूँ ।
जीने मरने की कसमें खाई हमने,
दुःख मिटाने और खुशियाँ पाने की रस्मे खाई हमने,
रास नहीं आई वक़्त को खुशियाँ मेरी,
इसलिए, उसकी खुशियों के लिए आगे बढ़ रहा हूँ ।।
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