ज़िन्दगी रूकती नहीं, तेरे या मेरे लिए,
ये तो चलती रहती है, नए एक सवेरे के लिए,मैं रुक भी जाता हूँ, राहों में कहीं,
वक़्त रुकता नहीं, तेरे या मेरे लिए...
नब्ज़ तेज़ चलती है, आहटों पर उनकी,
दिल धड़कता रहता है, सर्सराहतों पर उनकी,
एक रौशनी की चाह खोजती रहती है आँखे, बुझती नहीं मेरे लिए,
दिन ढल जाता है फिर नए एक सवेरे के लिए,
ज़िन्दगी रूकती नहीं, तेरे या मेरे लिए,
ये तो चलती रहती है, नए एक सवेरे के लिए...
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