Friday, September 28, 2012

नज़र का ख़्याल...

नज़र का ख़्याल, नज़र का सवाल बन कर रह गया,
नज़र नज़र से मिली, लफ़्ज़ों का मलाल बन कर रह गया,
कभी झुकी, कभी उठी, कभी सवाल बन कर रह गया,
नज़र का ख़्याल, नज़र का सवाल बन कर रह गया |
नज़र, नज़र का ख़्याल था, एक उलझा सा सवाल था,
जाने क्यूँ दिल में मलाल था, बस नज़र का कमाल था,
एक नज़र ऐसी थी, जैसे रब का कमाल था,
एक नज़र ऐसी थी, जो रब के लिए सवाल था,
नज़र का ख़्याल, नज़र का सवाल बन कर रह गया,
नज़र, नज़र से मिली, लफ़्ज़ों का मलाल बन कर रह गया ||

Tuesday, September 18, 2012

सदके जाऊं...

तेरे इश्क के सदके जाऊं,
संग रहूँ, कभी मिट न पाऊं,
जब यार मिलाया, इश्क नचाया,
इश्क नचाया, यार मिलाया,
इस इश्क में मैं फ़ना हो जाऊं,
संग रहू, कभी मिट न पाऊं,
तेरे इश्क के सदके जाऊं |

Wednesday, September 12, 2012

मेरा, कोई नाम नहीं...

मेरा, कोई नाम नहीं, पहचान नहीं,
एक गीत हूँ जाना-पहचाना सा, जिसका कोई नाम-ओ-निशाँ नहीं,
हूँ लफ़्ज़ों में उलझा सुलझा सा, कागज़ पर बिखरा-छितरा सा,
जिसका कोई नाम-ओ-निशाँ नहीं,
मेरा, कोई नाम नहीं, पहचान नहीं |

सब बन्दर बाट के खेलों में,
कभी मंदिर में, कभी रेलों में,
तस्वीरों सी पहचान रही,
कोई नाम नहीं, निशाँ नहीं,
एक गीत हूँ जाना-पहचाना सा, जिसका कोई नाम-ओ-निशाँ नहीं,
मेरा, कोई नाम नहीं, पहचान नहीं ||

Wednesday, September 5, 2012

उम्मीद के बादल जो छाये...










उम्मीद के बादल जो छाये,
बरखा ऋतु भी संग लाये,
कभी घरड-घरड, कभी लहर-लहर,
नभ आँगन पर छाये,
उम्मीद के बादल जो छाये,
बरखा ऋतु भी संग लाये |

कहीं नीली-पीली धूप भरी,
कहीं पेड़ों की छाया हरी,
हर काया जैसे मुस्काई,
बूँदें मोती बन कर छाई,
कभी घरड-घरड, कहीं लहर-लहर,
नभ आँगन पर छाये,
उम्मीद के बादल जो छाये,
बरखा ऋतु भी संग लाये ||

Tuesday, September 4, 2012

इंतज़ार में...

कल, जो उठा लाया था रेत, सागर किनारे से,
वो आज भी सूखी पड़ी है लहरों के इंतज़ार में,
कुछ मोती से पत्थर चुन लाया था, जाने किस उलझे ख़्याल में,
वो आज भी बेजान से पड़े है, मेरे हांथों की छुअन के इंतज़ार में |