लिखत-लिखत कलम घिसे, गहरी होत दवात, मन तरसे नए शब्दों को, बुझे न लिखन की प्यास,
कह अभिनव, नव-नूतन बनके, लिख दो दिल की आस,
मन तरसे नए शब्दों को, बुझे न लिखन की प्यास...
Tuesday, September 18, 2012
सदके जाऊं...
तेरे इश्क के सदके जाऊं,
संग रहूँ, कभी मिट न पाऊं, जब यार मिलाया, इश्क नचाया, इश्क नचाया, यार मिलाया, इस इश्क में मैं फ़ना हो जाऊं,
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