Thursday, November 28, 2013

लिख रहा हूँ...

एक शहर लिख रहा हूँ, एक गाँव लिख रहा हूँ,
पीपल की पत्तियों की छाओं लिख रहा हूँ,
भीड़ में गुम होता हुआ एक पाँव लिख रहा हूँ,
एक शहर लिख रहा हूँ, एक गाँव लिख रहा हूँ ।

लोगों की अंधी चाल, के ख्वाब लिख रहा हूँ,
कुछ उलझे-उलझे से जवाब लिख रहा हूँ,
भूला-बिसरा एक नाम लिख रहा हूँ,
भीड़ में गुम होता हुआ एक पाँव लिख रहा हूँ,
पीपल की पत्तियों की छाओं लिख रहा हूँ,
एक शहर लिख रहा हूँ, एक गाँव लिख रहा हूँ ॥

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