Wednesday, August 8, 2012

शाम की ढलती यादें...












शाम की ढलती यादें,
चाय और वो बातें,
मुझे कल की याद दिलाती है,
गुज़रे, पल की याद दिलाती है,
चाय की खुशबू जो महकी,
एक आस जो आँखों में चेह्की,
होंठों की खिलती वो हंसी,
उस कल की याद दिलाती है,
शाम की ढलती यादें,
गुज़रे पल की याद दिलाती है |

शाम का ढलता वो सूरज,
स्याह समुन्दर में लेता हिचकोले,
वो चाय से जलते होंठों को,
देख कर जाने क्यूँ दिल डोले,
चाय में सिमटी वो खुशबू,
मुझे तेरी याद दिलाती है,
उस गुज़रे बीते लम्हे की,
मुझे हर पल याद दिलाती है,
शाम की ढलती यादें,
चाय और वो बातें,
मुझे कल की याद दिलाती है,
गुज़रे, पल की याद दिलाती है ||

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