घिसने लगी है उम्र, एड़ियों के जैसे,
बाल कुछ सुर्ख़ हो पकने लगे,ढ़लती उम्र पर ढ़लती काया में,
कुछ बीते साल जुड़ने लगे,
गहरी होने लगी है आँखें, रंग ज़ेब पड़ने लगे,
और कहने को, उम्र यूँ बढ़ने लगी,
घिसने लगी है उम्र, एड़ियों के जैसे,
और, बाल कुछ सुर्ख़ हो पकने लगे,
कलम, घिसने लगा हूँ ज्यादा,
लफ्ज़ कुछ कम पड़ने लगे,
गुज़रते सालों में उम्र को ले कुड़ने लगे,
ढ़लती उम्र पर ढ़लती काया में,
कुछ बीते साल जुड़ने लगे,
घिसने लगी है उम्र, एड़ियों के जैसे,
और, बाल कुछ सुर्ख़ हो पकने लगे ।
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