रिश्तों की भी क्या खूब कहानी है,
कुछ अपनी, तो कुछ उनकी ज़बानी है,
जब-जब सोचा, दिल की हसरत बताने की,
तब-तब आवाज़ न जानी, पहचानी उनकी,
दिन भर सोचा करते है, रात फिर सुहानी होगी,
रोशन होंगे नए चिराग, फिर नयी कहानी होगी,
न दिल में दर्द होगा, न अश्कों की निशानी होगी,
पर फिर वही कहानी हुई,
आँखों में नमी, दिल में दर्द की निशानी होगी,
अश्क फिर भी बहेंगे, फिर गम की वही कहानी होगी...
No comments:
Post a Comment