नज़रों से नज़रें मिली, क़त्ल-इ-आम हो गया,
चेहरे पर मुस्कान थी, दिल बदनाम हो गया,चेहरा चमक रहा था, सुर्ख होंठों पर कातिल मुस्कान थी,
दिल मेरा तड़प रहा था, पर लगता वो अनजान थी,
दो दिल तड़प रहे थे, हाल-इ-दिल बताने को,
दिल में हलचल मची थी, हाल-इ-दिल सुनाने को,
पर वो न बोले एक लफ्ज भी, हम भी न कह पाए वो बात,
बस देख उनको मुस्काते रहे, दिल में रख ली वो बात,
देखा मुड़कर मुझको जाते-जाते, आँखों का दीदार हुआ,
नज़रें उनकी झुकी, और दीवाना यार हुआ...
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