Monday, September 12, 2011

जला दिया...

जला दिया आज उन रिश्तों को, जो दिल को कभी अज़ीज़ थे,
दबा दिया उन यादों को, जो दिल के कभी करीब थे,
खुद की यादों का जनाज़ा निकाला, खुद बड़े ही शौक से,
कर दिया क़त्ल उन यादों का, जो दिल में कभी अज़ीज़ थी…

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