Tuesday, May 18, 2010

लफ्ज़ कहाँ मिलते है...

लफ्ज़ कहाँ मिलते, अलफ़ाज़ कहाँ मिलते है,
शेर-ओ-शायरी के साज़ कहाँ मिलते है,
ये तो दिल से कह देते है ग़ालिब,
वरना लिखते वक़्त अलफ़ाज़ कहाँ मिलते है....

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