कोई अपना मुझको छोड़ गया, यादों में तनहा छोड़ गया,
मैं पहले भी तनहा था राहों में, सिमटा था लम्हा यादों में,
वो रिश्ता मुझसे तोड़ गया, यादों में तनहा छोड़ गया,
कोई अपना मुझको छोड़ गया...
वो शायद अपना न था कभी, वो शायद सपना सा था कभी,
एक सपना रिश्ता तोड़ गया, यादों में सिमटा छोड़ गया,
मैं पहले भी तनहा था राहों में, सिमटा था लम्हा यादों में,
यादों से रिश्ता जोड़ गया, कोई अपना मुझको छोड़ गया...
मित्र जो अपने होते है वो कभी तन्हा नहीं छोड़ते, हमेशा साथ रहने की कोशिस करते है, बस मेरी एक बात को गाथ बाँध लो- हम अकेले ही आये है और अकेले ही जाना है| खुशिया बाटो और हमेशा खुश रहने की कोशिस करो |
ReplyDelete@Gaurav: शुक्रिया (तह-इ-दिल से) :)
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