Thursday, February 3, 2011

उनके जाने का गम नहीं...

उनके जाने का गम नहीं, गम तो इस बात का है कि जाते उनको रोक न सका,
वो गैर नहीं था, था कोई मेरा ही अपना, जिसको जाते टोक न सका,
सोचा करता था कि रोक लूँगा उनको जाते-जाते,
पर वो न रुका, शायद वो मेरा अपना न था...

कोशिशे मुद्दत की लाख भुलाने की, पर दिल न माना बात अजमाने की,
दिल का दर्द, दिल में ही लिए फिरते रहे दर-ब-दर, कोशिश न कि किस्मत अजमाने की,
दर्द बढ़ता गया, दिल तेज़ धधकता गया,
मैं लफ्ज़ कह न सका, बात दिल की दिल में रह गयी,
कोशिशे मुद्दत कि लाख भुलाने की, पर दिल न माना बात अजमाने की...

2 comments:

  1. कुछ एक रिश्ते ऐसे होते है, जिसके टूटने का दर्द काफी गहरा होता है, पर मित्र, जिन्दगी में ऐसे लोगो का आना जाना तो हमेशा लगा ही रहता है - हम कोशिस ही कर सकते है उसे भुलाने की| जिन्दगी चलने का नाम है| और निरंतर चलते ही रहो| रुक जाना नहीं तुम कभी हार कर|

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  2. @Gaurav: इस वक़्त की आपा-धापी में, लोगो का आना जाना नहीं रुकेगा, परन्तु कुछ लोग दिल पर एक अमिट छाप छोड़ जाते है, यादें तनहा रह जाती है, लम्हे साथ छोड़ जाते है, कुछ लोग दिल को बहुत याद आते है...

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