कुछ अनसुलझे सवालों में उलझा है दिल,
जाने किस गम में डूबा है दिल,
तन्हाई पहले भी थी, अब भी है तेरे जाने के बाद,
पर ज़िन्दगी अब अच्छी लगती नहीं तेरे बिन...
तरुवर से गिरते सूखे पत्तों की तरह, आज खुद को पाने लगा,
शायद तेरे जाने का गम, दिल को सताने लगा,
तुम तो जुदा थे मुझसे, पहले से ही,
पर तेरी मीठी यादें न मुंह मोड़ ले मुझसे, ये गम सताने लगा...
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