आज सुबह से आँखों में कुछ नमी सी थी,
शायद उनकी झुकी नज़रों में, प्यार की कुछ कमी सी थी,
प्यार के लफ्ज़, उनकी नज़रों में धुन्दले पड़ने लगे थे,
और वो देखते रहे झुकी नज़रों के कोनो से हममे,
पर नज़रें न मिली, न दर्द हल्का हुआ,
दर्द बढता रहा और आँखों में नमी सी थी...
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