Tuesday, March 8, 2011

बे-मतलब तेरा ख्याल, मेरे दिल को सताने लगा...

बे-मतलब तेरा ख्याल, मेरे दिल को सताने लगा,
रात-दिन, हर लम्हा मुझे तड़पाने लगा,
दूर रखना चाह, खुदसे तेरी यादों को,
पर रह-रह कर, गुज़रा हर लम्हा याद आने लगा,

क्यूँ सताने लगी तेरी यादें, सोचता रहा रात भर,
रात के बोझिल अँधेरे में, सिमटा रहा इस कदर,
भीड़ में होकर भी, तनहा खुद को पाने लगा,
कागज़ों में भीगा, हर लफ्ज़ नज़र आने लगा,
दूर रखना चाह, खुदसे तेरी यादों को,
पर रह-रह कर, गुज़रा हर लम्हा याद आने लगा,
बे-मतलब तेरा ख्याल, मेरे दिल को तड़पाने लगा...

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