Thursday, June 30, 2011

तो अच्छा लगता है...

कभी-कभी तुमसे दो मीठी बात हो जाती, तो अच्छा लगता है,
कभी-कभी कुछ हलकी बरसात हो जाती, तो अच्छा लगता है,
कभी डूब जाता है दिल, तेरी यादों की गहराई में,
हँसते हुए कुछ पल आते है याद, तो अच्छा लगता है...
यादों का पुलिंदा भी कितना अच्छा लगता है,
ख्वाबों का बाशिंदा भी कितना अच्छा लगता है,
अच्छी लगती है वो सुनहरी यादें, जो दिल में हसीन गुमान रखती है,
हँसते हुए कुछ पल आते है याद, तो अच्छा लगता है...

Monday, June 27, 2011

फिर घनघोर घटा छा गयी नभ पर...

फिर घनघोर घटा छा गयी नभ पर, फिर काले बादलों की फ़ौज आ गयी,
घुमड़ आये कुछ काले बादल, लगता है बरखा की ऋतु आ गयी,
घुमड़-घुमड़ शोर मचाने लगे, छोटे-छोटे बालकों की तरह,
मिलजुल कर अठखेलिया करने लगे, सखी-सहेलियों की तरह,
नन्हे-मुन्नों की तरह शोर मचाने लगे सारे, घरड-घरड, घुमड़-घुमड़,
कुछ-कुछ छटक छटक कर अठखेलिया करने लगे इधर-उधर,
कभी यहाँ तो कभी वहाँ, घूम-घूम बरसने लगे सारे,
भिगोदी धरती सारी, कर दिया हरा-भरा इधर-उधर,
कुछ प्यासे भी भीगे, गिरती कुछ बूंदों में मेरी तरह,
कुछ चातक भी चहके, गिरती कुछ बूंदों में मेरी तरह,
फिर घुमड़ आये कुछ काले बादल, फिर काले बादलों की फ़ौज आ गयी,
घनघोर घटा छाने लगी नभ पर, लगता है बरखा की ऋतु आ गयी...

वक़्त बदलता रहता है...

वक़्त बदलता रहता है, जज्बात बदलते रहते है,
लोग बदलते रहता है, हालात बदलते रहते है,
प्यार और तकरार के बीच, एक समझोता सा बना रहता है अन्दर,
लोगो की वफ़ा और बेवाफ़ाये भी बदलते रहते है,
बदलना मेरी फितरत नहीं, वक़्त है जो मुझसा नहीं रहा,
कभी कचोटता, कभी खसोटता, कभी नोचता मुझको रहा,
पर लाख कोशिशों के बाद भी मैं न बदला वक़्त की तरह,
तुझे बदलता देख बस रोता रहा, दर्द से घिरा,
प्यार और तकरार के बीच, एक समझोता सा बना रहता है अन्दर,
लोगो की वफ़ा और बेवाफ़ाये भी बदलती रहती है,
लोग बदलते रहते है, हालात बदलते रहते है,
वक़्त बदलता रहता है, जज्बात बदलते रहते है,
बदलना तो वक़्त की फितरत है, लोगो में हर पल की तरह,
चेहरे बदलते रहते है, हमशकल की तरह,
पर लाख कोशिशों के बाद भी मैं न बदला कल की तरह,
बेबस तुझे देखता रहा, बदलते कल की तरह...

Wednesday, June 22, 2011

आज तबियत कुछ न-साज़ सी क्यूँ है...

आज, तबियत कुछ न-साज़ सी क्यूँ है, लफ्ज़ भी न मिलते कुछ ख़ास से क्यूँ है,
क्यूँ किसी के जाने से दिल गम-ज़दा है, आज मेरे लफ़्ज़ों में वो बात सी न है,
चाहतें कभी पूरी न हुई हसरत-इ-दिल मेरी, फिर भी तेरे होने का एक एहसास सा क्यूँ है,
क्यूँ किसी के जाने से दिल गम-ज़दा है, आज मेरे लफ़्ज़ों में वो बात सी न है,
आज तबियत कुछ न-साज़ सी क्यूँ है, लफ्ज़ भी न मिलते कुछ ख़ास से क्यूँ है...

Thursday, June 16, 2011

चाँद को लहराते बादलों में छुपता देख...

चाँद को लहराते बादलों में छुपता देख, दिल में यह सवाल आया,
ये तू है, तेरी जुत्सुजू है या फिर तेरी यादों का साया, 
दुपट्टे की ओट में, बनते बिगड़ते तेरे चेहरों में, 
क्यूँ दिल खोजता है, मेरी हसरतों का साया,
दूर था पर वाकिफ सा था जो चेहरा यादों में,
क्यूँ न लगता आज, अपना सा साया,
ये तू है, तेरी जुत्सुजू है या फिर तेरी यादों का साया,
चाँद को लहराते बादलों में छुपता देख, दिल में यह ख्याल आया...

Wednesday, June 15, 2011

गहन विचारों का घमासान अन्दर होने लगा...

गहन विचारों का घमासान अन्दर होने लगा, दिल धक्-धक् कर सुबुक-सुबुक रोने लगा,
कुछ पलके भी नम थी, भीगे दिल की तरह, न जाने क्यूँ तेरी यादों से भी तनहा दिल होने लगा,
दिल कमज़ोर सा पड़ता दिख रहा था, टूटती नब्ज़ की तरह,
आज दिल के अन्दर भी, दर्द सराबोर होने लगा,
मैं था अकेला, तनहा सा, जाने क्यूँ तेरी ओर चला,
तेरे एक साथ के खातिर, कईयों से मुहं मोड़ चला,
पर नजाने क्यूँ तेरे दिल को यह मंजूर न था,
मैं था अकेला, तनहा सा, जाने क्यूँ तेरी ओर चला,
तेरे एक साथ के खातिर, कईयों से मुहं मोड़ चला...

Tuesday, June 14, 2011

क्यूँ उलझनों में उलझा है दिल...

क्यूँ उलझनों में उलझा है दिल, सुनता नहीं मेरी, 
क्यूँ जज्बातों से भरा है दिल, कहता बस तेरी
मैं जो सोचू कुछ और तो, कुछ और ही करता है दिल,
न जाने क्यूँ, तेरे ख्यालों में डूबा रहता है दिल,
हर सवालों-जवाबों में, बस तेरी ही गुफ्तगू करता है दिल,
न जाने क्यूँ, बस तेरे ही ख्यालों में डूबा रहता है दिल...

Wednesday, June 1, 2011

अचानक काले बादलों ने...

अचानक काले बादलों ने, घेर लिया मेरा पूरा संसार,
नभ से रिमझिम-रिमझिम, बरसने लगी हलकी-हलकी फुहार,
देख काले बादलों को, दिल मेरा भी ललचाया,
जैसे चकोर को अमावास की रात में, मिल गया हो पूरे चाँद का साया,
प्यास मेरी भी बढ़ने लगी, धीरे-धीरे घुमड़-घुमड़,
अरमान दिल के मचलने लगे, धीरे-धीरे पिघल-पिघल,
देख नभ की ऋतुओ को, दिल मेरा भी ललचाया,
जैसे चकोर को अमावास की रात में, मिल गया हो पूरे चाँद का साया...