अचानक काले बादलों ने, घेर लिया मेरा पूरा संसार,
नभ से रिमझिम-रिमझिम, बरसने लगी हलकी-हलकी फुहार,
देख काले बादलों को, दिल मेरा भी ललचाया,
जैसे चकोर को अमावास की रात में, मिल गया हो पूरे चाँद का साया,
प्यास मेरी भी बढ़ने लगी, धीरे-धीरे घुमड़-घुमड़,
अरमान दिल के मचलने लगे, धीरे-धीरे पिघल-पिघल,
देख नभ की ऋतुओ को, दिल मेरा भी ललचाया,
जैसे चकोर को अमावास की रात में, मिल गया हो पूरे चाँद का साया...
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