Monday, October 10, 2011

ज़िन्दगी में और भी गम है बताने को...

ज़िन्दगी में और भी गम है बताने को,
और भी ठोकरें लगेंगी, किस्मत आजमाने को,
मैं हार मान, बैठ गया था राहों में कहीं,
पर ज़िन्दगी रुकी नहीं, दिल लगाने को...
हाँ! तेरे आने से वक़्त थम गया था, तेरे आस-पास,
पर, ज़ज्बात पिघलते रहे, दिल-इ-हसरत बताने को,
हाँ! हार मान बैठ गया था राहों में कहीं,
पर ज़िन्दगी रुकी नहीं, दिल लगाने को.
और भी ठोकरें लगेंगी, किस्मत आजमाने को,
ज़िन्दगी में और भी गम है बताने को...

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