दोस्तों ने पिला दी जो शराब, शराब नहीं है,
दोस्ती के रंग में डूबा हिजाब, खराब नहीं है,हम न पीया करते थे यारों, महफिलों में बैठ कर,
रास्ते में चख ली जो शराब, शराब नहीं है...
दोस्ती का नशा ऐसा चढ़ा यारों, दुनिया बेगानी लगने लगी,
दोस्त अपने लगने लगे, दुनिया बेमानी लगने लगी,
हमने भी जाम भर कर, दोस्ती के नाम कर दिया,
थोड़ी सी जो पी ली शराब, शराब नहीं है...
वह रे शराब तेरा जवाब नहीं |
ReplyDelete@Gaurav: हाहाहा...शुक्रिया :)
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