लगता क्यूँ नहीं कुछ अच्छा, सब कुछ क्यूँ बेगाना लगता है,
सब-कुछ है पास परन्तु, कोशिश की एक आस जगाना अच्छा लगता है,
लोगों की भीड़ में खोकर भी, मुस्कुराना अच्छा लगता है,
आज तनहा हो, कलम उठाना अच्छा लगता है,
राह तनहा, हो अँधेरा, चलते जाना अच्छा लगता है,
लोगों की भीड़ में खोकर भी, मुस्कुराना अच्छा लगता है...
सब-कुछ है पास परन्तु, कोशिश की एक आस जगाना अच्छा लगता है,
लोगों की भीड़ में खोकर भी, मुस्कुराना अच्छा लगता है,
आज तनहा हो, कलम उठाना अच्छा लगता है,
राह तनहा, हो अँधेरा, चलते जाना अच्छा लगता है,
लोगों की भीड़ में खोकर भी, मुस्कुराना अच्छा लगता है...
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