मय तो बस बहाना है, हसरत-इ-दिल सुनना है,
जाम जो छलक भी जाए साकी, पैमाना, अंदाज़ से उठाना है,
लफ्ज़ बेशक बे-मतलब लगे, कुछ लिख जरूर जाना है,
मय तो बस बहाना है, हसरत-इ-दिल सुनना है...
गर! जो होश में होते साकी, सारा जहां छीन लेते,
गर! जो होश में होते साकी, उनकी आँखों से नशा छीन लेते,
जाम जो छलके साकी, पैमाना, फिर भी अंदाज़ से उठाना है,
मय तो बस बहाना है, हसरत-इ-दिल सुनना है...
होश में होकर भी बे-होश क्यूँ है लोग,
ज़िन्दगी की लत में उलझे क्यूँ है लोग,
सबकी आँखों से, नशे का परदा यूँ उठाना है,
मय तो बस बहाना है, हसरत-इ-दिल सुनना है...
जाम जो छलक भी जाए साकी, पैमाना, अंदाज़ से उठाना है,
लफ्ज़ बेशक बे-मतलब लगे, कुछ लिख जरूर जाना है,
मय तो बस बहाना है, हसरत-इ-दिल सुनना है...
गर! जो होश में होते साकी, सारा जहां छीन लेते,
गर! जो होश में होते साकी, उनकी आँखों से नशा छीन लेते,
जाम जो छलके साकी, पैमाना, फिर भी अंदाज़ से उठाना है,
मय तो बस बहाना है, हसरत-इ-दिल सुनना है...
होश में होकर भी बे-होश क्यूँ है लोग,
ज़िन्दगी की लत में उलझे क्यूँ है लोग,
सबकी आँखों से, नशे का परदा यूँ उठाना है,
मय तो बस बहाना है, हसरत-इ-दिल सुनना है...
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