Friday, March 22, 2013

हमने भी तराने लिखे...

हमने भी तराने लिखे,
गौर-ए-तलब ज़माने लिखे,
लिखना, दिल-ए-हसरत चाही,
कहना, दिल-ए-उल्फ़त चाही,
और तेरी जुत्सुजू के नज़राने लिखे,
हमने भी तराने लिखे ।

कभी आयते लिखी, कभी कुराने लिखी,
अभिनव (नयी) कसौटी पर कई ज़माने लिखे,
लोगों ने नज़्म लिखी, और हमने, जाम और मयखाने लिखे,
गौर-ए-तलब ज़माने लिखे,
लिखना, दिल-ए-हसरत चाही,
कहना, दिल-ए-उल्फ़त चाही,
और तेरी जुत्सुजू के नज़राने लिखे,
हमने भी तराने लिखे ।।

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