लिखत-लिखत कलम घिसे, गहरी होत दवात, मन तरसे नए शब्दों को, बुझे न लिखन की प्यास,
कह अभिनव, नव-नूतन बनके, लिख दो दिल की आस,
मन तरसे नए शब्दों को, बुझे न लिखन की प्यास...
Tuesday, March 26, 2013
होली...
रंगों की फुहार,
मौज-बहार, सब हो जाओ तैयार, आया रंगों का तौहार, छेड़ो खुशियों की बयार, मनाओ, मिल कर सब तौहार ।
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