यूँ रात ऐसी गुज़रेगी, सोचा ना था,
यूँ बात ऐसी गुज़रेगी, सोचा ना था,
दोनो के दिलों की धड़कने, क्यूँ तेज़ थी बवस्ता,
यूँ जज्बातों के साथ ऐसे गुज़रेगी, सोचा ना था,
ना सोचा था की बातों का आलम ऐसा होगा,
ना सोचा था दिल के हालातों का मौसम ऐसा होगा,
यूँ गुज़रेगी रात कभी, ऐसा सोचा ना था,
यूँ गुज़रेंगे दिलों के अरमान, ऐसा सोचा ना था...
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