Monday, July 18, 2011

कुछ बूँदों की बारिश...

कुछ बूँदों की बारिश, बरसने लगी मुझ पर,
कुछ चाहतों की ख्वाहिश, मचलने लगी तुझ पर,
क्यूँ बारिश की बूँदों से भीगा है मेरा मन,
क्या यह तेरी चाहतों का असर है, मुझ पर?
आज तपती धूप भी, हल्की भीनी छाव सी क्यूँ लगती है,
आज बंज़र मे भी, हल्की बोछार सी क्यूँ लगती है,
क्यूँ बारिश की बूँदों से भीगा है मेरा मन,
क्या यह तेरी चाहतों का असर है, मुझ पर...कुछ बूँदों की बारिश, बरसने लगी मुझ पर,
कुछ चाहतों की ख्वाहिश, मचलने लगी तुझ पर,
क्यूँ बारिश की बूँदों से भीगा है मेरा मन,
क्या यह तेरी चाहतों का असर है, मुझ पर?
आज तपती धूप भी, हल्की भीनी छाव सी क्यूँ लगती है,
आज बंज़र मे भी, हल्की बोछार सी क्यूँ लगती है,
क्यूँ बारिश की बूँदों से भीगा है मेरा मन,
क्या यह तेरी चाहतों का असर है, मुझ पर...

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