अरसा हुआ तुझे गुज़रे मेरी राहों से, फिर क्यूँ यादें ताज़ा है,
अरसा हुआ वो आँखे देखे, फिर क्यूँ सपने ताज़ा है,
अरसा हुआ हकीकत जाने-समझे, फिर क्यूँ दिल को याद वो वादा है,
अरसा हुआ तुझे गुज़रे, फिर क्यूँ यादें ताज़ा है...
अरसा हुआ उस बात को समझे, जो दिल माने-न माने,
अरसा हुआ उस रात को गुज़रे, गीले तकिये के सिरहाने,
अरसा हुआ वो आँखे देखे, फिर क्यों वो सपने ताज़ा है,
अरसा हुआ तुझे गुज़रे, फिर क्यूँ दर्द यह ज्यादा है...
No comments:
Post a Comment