क्यूँ याद करते है हम लोगो को,
क्यूँ यादों को तनहा छोड़ पाते नहीं,
लोग ओझिल हो जाते है नज़रों से,
फिर यादें क्यूँ तनहा जाती नहीं,
यादों का बसेरा क्यूँ घर कर जाता है दिलों पर,
ख़्वाबों का सवेरा क्यूँ बसर जाता है लबों पर,
क्यूँ यादों में ख़्वाबों के सवाल है,
क्यूँ उलझे यह ख्याल है,
क्यूँ उलझे यह ख्याल है,
लोग ओझिल हो जाते है नज़रों से,
फिर यादें क्यूँ तनहा जाती नहीं,
याद करते है हम लोगो को,
क्यूँ लोगो को याद आते नहीं...
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