कोई शायर कहता है, कोई दीवाना कहता है,
मैं वो कहता हूँ जो दिल का तराना कहता है,
फ़साना अल्फाज़ों का बस यूँ ही सुना देते है,
मैं तो वो कहता है जो ज़माना कहता है ।
तिश्निगी में डूब, जज़्बातों को पिरो देते है,
जाम में डूब, पैमाना भी भिगो देते है,
कोई हार कहता है, कोई नजराना कहता है,
मैं वो कहता हूँ जो दिल का तराना कहता है ।।
मैं वो कहता हूँ जो दिल का तराना कहता है,
फ़साना अल्फाज़ों का बस यूँ ही सुना देते है,
मैं तो वो कहता है जो ज़माना कहता है ।
तिश्निगी में डूब, जज़्बातों को पिरो देते है,
जाम में डूब, पैमाना भी भिगो देते है,
कोई हार कहता है, कोई नजराना कहता है,
मैं वो कहता हूँ जो दिल का तराना कहता है ।।
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