Tuesday, November 27, 2012

रात कहने लगी...


सर्द होने लगी है रातें,
रात कहने लगी है बातें,
खुश्बुओमे में प्यार है,
फिर क्यूँ हवाओं को इनकार है,
मैं, कहता नहीं कुछ, तकता हूँ दो आँखें,
और आँखों-आँखों में हो गयी जाने कितनी बातें,
फिर क्यूँ रात को इनकार है,
हवाओं से पूछो, उनको भी प्यार है,
जो सर्द होने लगी है रातें,
अब, रात कहने लगी है तुम्हारी बातें ।

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