Friday, May 13, 2011

आज मेरे जन्म-दिवस पर...

आज सुबह कुछ नयी सी थी, पुरानी सी न थी,
मंद-मंद मुस्कुराती हवा, लगती कुछ सुहानी सी थी,
सूरज की मद्धम लालिमा भी, नए दिन का आगाज़ लिए करती मेरा अभिनन्दन,
आज मेरे जन्म-दिवस पर, बात कुछ सुहानी सी थी,
लफ़्ज़ों का मायाजाल बुनता जा रहा मैं,
धीरे-धीरे हर एक लफ़्ज़, चुनता जा रहा मैं,
अपना ही अभिनन्दन करते, मेरे लफ़्ज़ों को सुनता जा रहा मैं,
धीरे-धीरे हर लफ्ज़ चुनता जा रहा मैं,
मंद-मंद मुस्कुराती हवा में, बात कुछ सुहानी सी थी,
आज मेरे जन्म-दिवस पर, नयी कुछ कहानी सी थी,
सूरज की मद्धम लालिमा भी, नए दिन का आगाज़ लिए करती मेरा अभिनन्दन,
आज सुबह कुछ नयी सी थी, पुरानी सी न थी,
आज मेरे जन्म-दिवस पर, बात कुछ सुहानी सी थी...

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