बचपन के चेहरे,
कुछ काले तो कुछ रंगीन सुनहरे,
यादों के घने अंधियारे में,
खोजते आस की चमक सुनहरी,
कभी यादों का भोझ यह बस्ता,
तो कभी खाली-खाली यह रास्ता,
कभी जवानी की धूप तो कभी बचपन के सावन सुनहरे,
यह बचपन के नन्हे चेहरे...
आज सुबह कुछ बचपन से यूँ मुलाकात हो गयी,
आँखों-आँखों में जाने कितनी बात हो गयी,
कुछ अश्क बिखरे मेरे, कुछ यादों की बरसात हो गयी,
आज सुबह बचपन से यूँ मुलाकात हो गयी,
बिखरे कुछ यादों के चेहरे,
कुछ काले-धुंधले तो कुछ रंगीन सुनहरे,
ये बचपन के चेहरे...
कुछ काले तो कुछ रंगीन सुनहरे,
यादों के घने अंधियारे में,
खोजते आस की चमक सुनहरी,
कभी यादों का भोझ यह बस्ता,
तो कभी खाली-खाली यह रास्ता,
कभी जवानी की धूप तो कभी बचपन के सावन सुनहरे,
यह बचपन के नन्हे चेहरे...
आज सुबह कुछ बचपन से यूँ मुलाकात हो गयी,
आँखों-आँखों में जाने कितनी बात हो गयी,
कुछ अश्क बिखरे मेरे, कुछ यादों की बरसात हो गयी,
आज सुबह बचपन से यूँ मुलाकात हो गयी,
बिखरे कुछ यादों के चेहरे,
कुछ काले-धुंधले तो कुछ रंगीन सुनहरे,
ये बचपन के चेहरे...
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