इश्क का रोग न अच्छा है यारों,
यह तो धागा कच्चा है यारों,
दर्द तो हर तरफ है ज़माने में,
मैंने देखे है कुछ आशिक मयखाने में,
हर किसी को अजब यह बिमारी है,
जैसे देश में भूख और बेरोज़गारी है,
हम तो अकेले ही अच्छे है यारों,
इस प्यार के मर्ज़ से दूर ही अच्छे है यारों,
ये तो धागा कच्चा है यारों,
इश्क का रोग न अच्छा है यारों...
यह तो धागा कच्चा है यारों,
दर्द तो हर तरफ है ज़माने में,
मैंने देखे है कुछ आशिक मयखाने में,
हर किसी को अजब यह बिमारी है,
जैसे देश में भूख और बेरोज़गारी है,
हम तो अकेले ही अच्छे है यारों,
इस प्यार के मर्ज़ से दूर ही अच्छे है यारों,
ये तो धागा कच्चा है यारों,
इश्क का रोग न अच्छा है यारों...
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