मैला आँचल, गन्दी काया,
गोद में मैं, तेरी छाया,
एक चादर तन ढकने को,
नीला अम्बर मन रखने को,
आती जाती हर भीड़ में, पुकार लगाती तू,
मेरा जी भरने को, क्यूँ गिड़-गिडाती तू...
एक रूपया, मैं भूखे पेट,
भद्दी काया, वो मोटा सेठ,
गन्दी, ज़हरीली नज़रों से क्यूँ नज़र लगाता वो,
हवस की आंधी में बह, क्यूँ लार गिराता वो,
गन्दी तेरी काया, पर क्या तुझमे पाया,
मैं सोच-सोच बिलखती, आंसू गिराती तू,
मुझको मैली चादर में ढक, खुद छुप सी जाती वो...
मैं सोचु ये तन ढक कर,
बहकू मन रख कर,
मूँद-मूँद अश्क बहा, क्यूँ मुझे छुपाती तू,
खुद अपनी ही काया में, यूँ छुप सी जाती तू,
क्यूँ यह मैला आँचल, क्यूँ यह गन्दी काया,
जाने क्यूँ नंगी आँखों में, बसती यह गन्दी माया,
जब गन्दी तेरी काया तो क्या तुझमे पाया,
गन्दी, ज़हरीली नज़रों से क्यूँ जिस्म नोचती कैसी माया,
क्यूँ नारी होना हुआ गुनाह,
स्तनधारी होना हुआ गुनाह,
जाने क्यूँ भूले ममता की आवाज़, वो माया,
गन्दी तेरी काया, फिर क्या तुझमे पाया,
जाने क्यूँ जी कर जियी नहीं, तेरी नन्ही छाया,
मैला आँचल, गन्दी काया,
गोद में मैं, तेरी छाया...
गोद में मैं, तेरी छाया,
एक चादर तन ढकने को,
नीला अम्बर मन रखने को,
आती जाती हर भीड़ में, पुकार लगाती तू,
मेरा जी भरने को, क्यूँ गिड़-गिडाती तू...
एक रूपया, मैं भूखे पेट,
भद्दी काया, वो मोटा सेठ,
गन्दी, ज़हरीली नज़रों से क्यूँ नज़र लगाता वो,
हवस की आंधी में बह, क्यूँ लार गिराता वो,
गन्दी तेरी काया, पर क्या तुझमे पाया,
मैं सोच-सोच बिलखती, आंसू गिराती तू,
मुझको मैली चादर में ढक, खुद छुप सी जाती वो...
मैं सोचु ये तन ढक कर,
बहकू मन रख कर,
मूँद-मूँद अश्क बहा, क्यूँ मुझे छुपाती तू,
खुद अपनी ही काया में, यूँ छुप सी जाती तू,
क्यूँ यह मैला आँचल, क्यूँ यह गन्दी काया,
जाने क्यूँ नंगी आँखों में, बसती यह गन्दी माया,
जब गन्दी तेरी काया तो क्या तुझमे पाया,
गन्दी, ज़हरीली नज़रों से क्यूँ जिस्म नोचती कैसी माया,
क्यूँ नारी होना हुआ गुनाह,
स्तनधारी होना हुआ गुनाह,
जाने क्यूँ भूले ममता की आवाज़, वो माया,
गन्दी तेरी काया, फिर क्या तुझमे पाया,
जाने क्यूँ जी कर जियी नहीं, तेरी नन्ही छाया,
मैला आँचल, गन्दी काया,
गोद में मैं, तेरी छाया...
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