Tuesday, June 5, 2012

गीली यादों के ताज...

















गुज़र गया बादल, छोड़ गया गीली बूंदों के साज़,
सोंधी मिट्टी की खुशबू, गीली यादों के ताज,
बादल जो गुज़रा, संग एक वक़्त गुज़र गया,
तनहा मैं देखता रहा, यादों का साहिल ठहर गया,
कुछ बूँदें तन पर गिरी और भीग गया मन,
आँखें नम थी, दिल में थी यादों की सिरहन,
गुज़र गया बादल, छोड़ गया गीली बूंदों के साज़,
सोंधी मिट्टी की खुशबू, गीली यादों के ताज ।

कुछ छलकी, कुछ महकी बूँदें,
कुछ बिखरी, कुछ चहकी बूँदें,
भीगता रहा तन, पर जल रहा था मन,
भीगते तन में जागी यादों की सिरहन,
गुज़र गया बादल, छोड़ गया गीली बूंदों के साज़,
सोंधी मिट्टी की खुशबू, गीली यादों के ताज ।।

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