ये चाँद, ये दूरियां, ये बादलों की मजबूरियां,
कभी खोजती आँखें, आँखों में बातें,
तो कभी यादों की मजबूरियां,
ये चाँद, ये दूरियां, ये बादलों की मजबूरियां।
कभी तकती आँखें, आँखों में यादें,
कभी जागती निगाहों में, सपनो की बातें,
तो कभी बातों की मजबूरियां,
ये चाँद, ये दूरियां, ये बादलों की मजबूरियां ।।
कभी रंग-बिरंगी छटा बिखेरे,
कभी स्याह रंगों के है रंग सुनहरे,
कभी अनकही बातों की है मजबूरियां,
ये चाँद, ये दूरियां, ये बादलों की मजबूरियां ।।।
कभी रंग सुनहरे, कभी काले घेरे,
यादों के है कई रंग सुनहरे,
कभी आंसू छलकते, कभी मन पिघल के,
कभी दिल की चोटों के है घाव गहरे,
यादों के है रंग सुनहरे ।
एक याद पुरानी-ताज़ी सी,
कुछ अच्छी सी, कुछ बासी सी,
दिल में घुमड़-घुमड़ करने लगी,
मन में उथल-पुथल करने लगी,
उलझी यादों के पहरे, काले-नीले घेरे,
यादों के है रंग सुनहरे ।।

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