उन कुचले मैले पन्नों में,
यादों के कितने छंदों में,
आँखों का किनारा सूख गया,
यादों का सहारा रूठ गया,
जो दबे पड़े थे पन्नों में,
यादों के कितने छंदों में,
बातों का सहारा टूट गया,
आँखों का किनारा सूख गया ।
एक आस दबी थी सीने में,
जो दर्द था इतना जीने में,
उन, यादों का सहारा रूठ गया,
बातों का किनारा छूट गया,
कोई अपना जैसे रूठ गया,
जो मिला पुराने पन्नों में,
यादों के कितने छंदों में,
उन, बातों का सहारा छूट गया,
आँखों का किनारा सूख गया ।।
यादों के कितने छंदों में,
आँखों का किनारा सूख गया,
यादों का सहारा रूठ गया,
जो दबे पड़े थे पन्नों में,
यादों के कितने छंदों में,
बातों का सहारा टूट गया,
आँखों का किनारा सूख गया ।
एक आस दबी थी सीने में,
जो दर्द था इतना जीने में,
उन, यादों का सहारा रूठ गया,
बातों का किनारा छूट गया,
कोई अपना जैसे रूठ गया,
जो मिला पुराने पन्नों में,
यादों के कितने छंदों में,
उन, बातों का सहारा छूट गया,
आँखों का किनारा सूख गया ।।
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