अजीब सा हूँ मैं, उलझी मेरी कहानी,
छोटा सा हूँ मैं, शायद बचपन की निशानी,
रातों को जगता हूँ मैं, नींद हुई बेगानी,
अजीब सा हूँ मैं, उलझी मेरी कहानी ।
आज, उसने सवाल किया,
मैंने उलझा सा जवाब दिया,
चेहरे पर झूठी हंसी ला कर,
बात न उसकी मानी,
उलझा सा हूँ मैं, उलझी मेरी कहानी ।।
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