Monday, July 29, 2013

मेरी कहानी...
















अजीब सा हूँ मैं, उलझी मेरी कहानी,
छोटा सा हूँ मैं, शायद बचपन की निशानी,
रातों को जगता हूँ मैं, नींद हुई बेगानी,
अजीब सा हूँ मैं, उलझी मेरी कहानी ।

आज, उसने सवाल किया,
मैंने उलझा सा जवाब दिया,
चेहरे पर झूठी हंसी ला कर,
बात न उसकी मानी,
उलझा सा हूँ मैं, उलझी मेरी कहानी ।।

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