अँधेरे में, उजाले में,
अपने ही ख्यालों में,
कुछ उलझे से, कुछ सुझले से,
अपने ही सवालों में,
पड़े है ।
कुछ अधूरी सी, कुछ पूरी सी,
कहानी एक जरूरी सी,
कुछ अनकही, कुछ अनसुनी,
कहानी एक पूरी सी,
सुनाने को बेताब यहाँ,
खड़े है,
पड़े है ।।
मुश्किल से हालात में,
उलझे से जज़्बात में,
यादों का पिटारा लिए,
पड़े है,
खड़े है ।।।
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