चलते-चलते मुझको एक याद पुरानी आती है,
कुछ बीते-गुज़रे लम्हों की वो बात पुरानी लाती है,
वो धुंधले से यादों के पन्ने, पलट-पलट रह जाते है,
वो तेरी हँसती बातों में, यूँ घुल-मिल से जाते है,
चलते-चलते मुझको एक याद पुरानी आती है,
कुछ बीते-गुज़रे लम्हों की वो बात पुरानी लाती है ।
एक चेहरा है जो धुंधला,
यादों में उलझा-सुलझा सा,
कोई अपना सा, कोई सपना सा,
भूला-बिसरा कोई अपना सा,
जब भी पलट कर देखू तो,
वो दूर नज़र बहुत वो आती है,
चलते-चलते मुझको एक याद पुरानी आती है,
कुछ बीते-गुज़रे लम्हों की वो बात पुरानी लाती है ।

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