नन्ही, छोटी पालकी में,
खुशियों का खजाना आया,
हँसती, खेलती किलकारियों में,
माँ का दुलारा आया,
आँख खुली, जग देखा,
माँ पहले, फिर सब देखा,
घूमा फिर मैं गोद-गोद,
कभी नानी-दादी की मैं गोद-गोद,
माँ-सी में तेरा अक्स देख ज़रा,
दिल को सुकून सा आया,
मैं, नन्ही, छोटी पालकी में,
खुशियों का खजाना लाया...
चेहरे बना फिर लोग हँसाते,
कभी मैं हँसता, तो कभी खुद रो जाते,
कभी छूते मेरी नाक, तो कभी माथे को सहलाते,
चेहरे पर मुस्कान ले, मुझको सीने से लगाते,
एक रिश्ता जोड़ लिया सबसे,
एक धागा जोड़ लिया अब से,
बन सबका दुलारा, दुनिया में आया,
मैं, नन्ही, छोटी पालकी में,
खुशियों का खजाना लाया...

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