Thursday, June 12, 2014

अपने करम...

अपने करम की ही वजह थी,
जो तू मुझसे खफ़ा थी,
मैं तो तनहा था कल भी आज भी,
पर तू ही जीने की वजह थी,
पल कैसे गुजारु तुझ बिन,
तुझ बिन ज़िन्दगी बेवजह थी,
अपने करम की ही वजह थी,
जो तू मुझसे खफ़ा थी ।

कैसी ये खुदाई थी,
जो तुझसे हुई जुदाई थी,
मेरी ज़िन्दगी तुझ बिन,
बस यूँ ही बेवजह थी,
मैं तो तन्हा था कल भी आज भी,
पर तू ही जीने की वजह थी,
अपने करम की ही वजह थी,
जो तू मुझसे खफ़ा थी ।।

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