Friday, December 28, 2012

नयी उड़ान...












सपनों के नए पंख लगा, फिर नयी उड़ान भरू,
नयी ज़मीं के ख़्वाब सजा, नया एक आस्मां चुनु,
थम गए थे जो पंख कटे, जंग लगे दरखतों से,
उनको सजा फिर नया जहान भरू,
सपनों के नए पंख लगा, फिर नयी उड़ान भरू ।

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