Wednesday, February 27, 2013

खिल रहा...

हसीन खूबसूरती के साज़ से, बिखरी किरणें आज यह,
समां है सारा खिल रहा,
रौशनी मुझको बुलाती, रागनी मुझको सुनाती,
बाग़ सारा खिल रहा,
उठ चूमों लालिमा यह, राग सारा मिल रहा,
रौशनी मुझको बुलाती, रागनी मुझको सुनाती,
बाग़ सारा खिल रहा,
हसीन खूबसूरती के साज़ से, बिखरी किरणें आज यह,
समां सारा खिल रहा ।

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