पैमाने बदल जाते है, मयखाने बदल जाते है,
चेहरे बदल जाते है, अफ़साने बदल जाते है,
शराब-इ-शौक तो दिल लगाने को अच्छा,राह में रहगुज़र के नज़राने बदल जाते है,
शराब-इ-हलक उतर, खुदा नज़र करती है,
बन्दों को खुद से मसरूफ़ वो करती है,
महफ़िलों में बैठ, पीने में मज़ा क्या अभिनव,
मस्ज़िद में पीने में जन्नत के नज़राने बदल जाते है,
चेहरे बदल जाते है, अफ़साने बदल जाते है,
पैमाने बदल जाते है, मयखाने बदल जाते है ।
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