लफ्ज़-ओ-कलम इबादत, जागीर नहीं,
कोई मिलकियत, कोई तामीर नहीं,शौक-इ-दिल लिखने का सबब है अभिनव (नया),
दिल-इ-हसरत है, कोई तकदीर नहीं,
हर, हसरत-इ-दिल उकेर देता हूँ फ़कत,
लफ़्ज़ों की कोई जागीर नहीं,
कोई मिलकियत, कोई तामीर नहीं,
लफ्ज़-ओ-कलम इनायत, कोई जागीर नहीं ।
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